चाणक्य राजनीतिक ( Complete Chanakya Niti in Hindi ) विज्ञानं के महा ज्ञाता थे। वो भारत के शास्त्रीय अर्थशास्त्र के एक महान शिक्षक थे। उनका मौर्य साम्राज्य के विकास और मार्ग दर्शन में बहुत बड़ा योगदान रहा। साथ ही वह एक महान विचारक और दार्शनिक भी थे। उनकी शिक्षाओं को दो पुस्तकों- अर्थशास्त्र और चाणक्य नीती में एक साथ रखा गया है।
उनके महान प्रेरणादायक विचार हर किसी को जीवन, प्रेम, महिलाओं से जुड़े चीजों के विषय में ज्ञान देते हैं। आज उन्हीं में से कुछ महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक चाणक्य उद्धरण आपके लिए हम ले कर आये हैं।
Complete Chanakya Niti in Hindi:-
The fragrance of flowers spreads only in the direction of the wind. But the goodness of a person spreads in all directions.
फूलों की खुशबू हमेशा केवल हवा की दिशा में फैलती है लेकिन एक व्यक्ति की भलाई सभी दिशाओं में फैलती है।
God is not present in idols. Your feelings are your god. The soul is your temple. Chanakya.
भगवान मूर्तियों में मौजूद नहीं है। आपकी भावनाएं आपका भगवान हैं और आत्मा आपका मंदिर है।
Education is the best friend. An educated person is respected everywhere. Education beats the beauty and the youth.
शिक्षा सबसे अच्छी दोस्त है एक शिक्षित व्यक्ति को हर जगह सम्मान मिलता है । शिक्षा सौंदर्य को पीछे छोड़ देती है।
कभी किसी के सामने अपनी सफाई पेश मत करना क्योकि जिसे तुम पर विश्वास है उसे ज़रुरत नहीं, और जिसे तुम पर विश्वास नही वो मानेगा नहीं।
Books are as useful to a stupid person as a mirror is useful to a blind person.
पुस्तकें एक बेवकूफ व्यक्ति के लिए उपयोगी होती हैं जैसे कि एक अंधे व्यक्ति के लिए दर्पण उपयोगी होता है।
The biggest guru-mantra is: never share your secrets with anybody. It will destroy you.
सबसे बड़ा गुरु मंत्र है: किसी के साथ, अपने रहस्य कभी भी साझा नहीं करें। यह आप को नष्ट कर देगा।
A person should not be too honest. Straight trees are cut first and honest people are screwed first.
एक व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए सीधे पेड़ पहले काट दिए जाते हैं और ईमानदार लोगों को पहले खराब कर दिया जाता है।
As soon as the fear approaches near, attack and destroy it.
जैसे ही डर निकट आये, तुरंत ही हमला करके उसे नष्ट कर देना चाहिये।
As a single withered tree, if set aflame, causes a whole forest to burn, so does a rascal son destroy a whole family.
एक सूखे वृक्ष अगर आग पकड़ ले तो पूरे जंगल के जलने का कारण बन जाता है, वैसे ही एक दुष्ट पुत्र पूरे परिवार को नष्ट कर देता है
A man is born alone and dies alone, and he experiences the good and bad consequences of his karma alone, and he goes alone to hell or the Supreme abode.
एक आदमी अकेला पैदा होता है और अकेला मर जाता है; और वह अकेले अपने कर्म के अच्छे और बुरे परिणाम अनुभव करता है; और वह नरक या स्वर्ग के लिए अकेले ही जाता है।
Once you start working on something, don’t be afraid of failure and don’t abandon it. People who work sincerely are the happiest.
एक बार जब आप किसी काम को करना शुरू करते हैं, तो विफलता से मत डरिये और उसे छोड़िये मत। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं, वे सबसे ज़्यादा खुश हैं।
As long as your body is healthy and under control and death is distant, try to save your soul; when death is immanent what can you do?
जब तक आपका शरीर स्वस्थ और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है, अपनी आत्मा को बचाने की कोशिश करें; जब मृत्यु समक्ष है, तो आप क्या कर सकते हैं?
That man who by the study of these maxims from the satras acquires a knowledge of the most celebrated principles of duty, and understands what ought and what ought not to be followed, and what is good and what is bad, is most excellent.
जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अत्यंत वैभवशाली कर्तव्य के सिद्धांत ज्ञात होगे। उसे इस बात का पता चलेगा कि किन बातों का अनुशरण करना चाहिए और किनका नहीं। उसे अच्छाई और बुराई का भी ज्ञात होगा और अंततः उसे सर्वोत्तम का भी ज्ञान होगा।
7 Chanakya Niti in Hindi | 7 प्रेरणादायक चाणक्य नीति
1. बुरे चरित्र वाला व्यक्ति:–
यदि किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसका (Loose Character)चरित्र ठीक नहीं है तो उससे दूर रहने में ही समझदारी है। ऐसी लोगों की भलाई करने पर या इनकी मदद करने पर भी हमारा ही नुकसान होना है। ऐसे लोगों के संपर्क में रहने से समाज और घर-परिवार में श्रेष्ठ व्यक्ति (Best Person) को भी अपमानित होना पड़ता है। जो लोग धर्म से भटक जाते हैं, वे स्वयं तो पाप करते ही हैं और दूसरों को भी पाप के रास्ते पर ले जाते हैं। इसीलिए ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
2.आलस्य को त्याग दे :-
इस दुनिया में बस 21% लोग ही ऐसे होते है जो सफलता की केटेगरी में आते है. पर दूनिया में लोग तो 100% है तो आखिर ये 79% लोग सफल क्यों नहीं होते ? अब आप कहोगे की इन्हें अच्छी परवरिश मिली होगी या इनके बाप – दादा अच्छे घर से होंगे. नहीं गलत, आज ऐसे कई उदाहरण (Examples) है जहाँ लोगो ने जमीन से आसमान की बुलंदियां छुई है.
ऐसे लोग जो गरीब जीवन जीते हुए बहुत अमीर बन गये. इन सब में एक बड़ा अंतर (Diffrence) है आलस्य का. 79% लोग किसी को करने में आलस्य करते है वही 21% लोग उसी काम को बड़ा मन लगाकर करते है. इसलिए जीवन बेहतर और खुशहाल बनाना है तो आलस्य त्यागो और परिश्रम करना सीखो. याद रखो
आलसी मनुष्य का कोई भी वर्तमान और भविष्य नहीं होता.
आलस्य सब कार्यो को दुष्कर और परिश्रम सबको सरल कर देता है.
आलसी सोने वाले मनुष्य को द्ररिद्रता प्राप्त होती है तथा कार्य-कुशल मनुष्य निश्चय ही अभीष्ट फल पाकर ऐश्वर्य का उपयोग करता है.
3.मूर्ख व्यक्ति :-
आचार्य चाणक्य जी ने जिन लोगों से दूर रहने की बात कही है, उसमें पहला व्यक्ति है मूर्ख (stupid,Fool..etc)। यदि हम किसी मूर्ख व्यक्ति को जानते हैं तो उससे दूर ही रहना चाहिए। मूर्ख व्यक्ति को ज्ञान देने की कोशिश भी न करें। हम मूर्ख को ज्ञान देकर उसकी भलाई करने की सोचते हैं, लेकिन मूर्ख व्यक्ति इस बात को नहीं समझेगा। ये लोग फिजूल तर्क-वितर्क करते हैं, जिससे हमारे समय का नुकसान होगा। इसीलिए ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसकी वाचालता से होती है, तथा बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है।
4. हमेशा बिना वजह दुखी रहने वाला व्यक्ति :-
आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि जो लोग अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हैं और हमेशा ही दुखी रहते हैं, उनसे दूर रहना चाहिए। इन लोगों की भलाई करने पर भी हमें दुख ही मिलता है। ऐसे लोगों का जीवन चाहे कितना भी अच्छा क्यों न हो जाए ये हमेशा दुखी रहते हैं। ये लोग दूसरों के सुख से ईर्ष्या करते हैं और कोसते रहते हैं। इस प्रकार ईर्ष्या भाव रखने वाले और बिना वजह दुखी रहने वाले लोगों से भी दूर रहने में हमारी भलाई है।
जो खुद खुश रहते है उनसे दुनिया खुश रहती है
5.गलत बोलने वाली पत्नी:-
आचार्य चाणक्य कहते हैं अगर घर में गलत बोलने वाली पत्नी है जो आपसे हमेशा बुरा-भला कहती है तो व्यक्ति का जीवन नरक के समान होता …
6.अपौष्टिक भोजन:-
आचार्य चाणक्य कहते हैं ऐसे भोजन जिसमें कोई स्वाद और कोई पोषक तत्व ना हो, ऐसा भोजन इंसान को नहीं करना चाहिए. इसका कारण है कि भोजन करन.
7.गलत लोगों की सेवा:-
आचार्य चाणक्य कहते हैं ऐसे लोग जिन्हें समाज में उचित स्थान नहीं दिया गया है अगर वे आपसे सेवा तो खूब कराएंगे लेकिन उसका मूल्य नहीं …
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