Short Story in Hindi with Moral:- नैतिक कहानी (Moral Story) ऐसी कहानियां होती है, जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे संदेश हमेशा शक्तिशाली होते हैं। एक नैतिक कहानी आपको यह सिखाता है कि आपको एक बेहतर इंसान कैसे बनना है। नैतिक कहानी आपके नैतिक चरित्र को मजबूत बनाती है। यहां 5 सीख देने वाली कहानियों (Moral Story) का संग्रह है। इसे एक बार जरूर पढ़े।
5 Short Story in Hindi with Moral | लघु कहानी हिंदी में:-
Story No.1
Spoken Words do not Return – बोले हुए शब्द वापस नहीं आते:-
एक बार एक किसान ने अपने पडोसी को भला बुरा कह दिया, पर जब बाद में उसे अपनी गलती का एहसास हुआ तो वह एक संत के पास गया.उसने संत से अपने शब्द वापस लेने का उपाय पूछा.
संत ने किसान से कहा , ” तुम खूब सारे पंख इकठ्ठा कर लो , और उन्हें शहर के बीचो-बीच जाकर रख दो .” किसान ने ऐसा ही किया और फिर संत के पास पहुंच गया.
तब संत ने कहा , ” अब जाओ और उन पंखों को इकठ्ठा कर के वापस ले आओ”
किसान वापस गया पर तब तक सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ चुके थे. और किसान खाली हाथ संत के पास पहुंचा. तब संत ने उससे कहा कि ठीक ऐसा ही तुम्हारे द्वारा कहे गए शब्दों के साथ होता है,तुम आसानी से इन्हें अपने मुख से निकाल तो सकते हो पर चाह कर भी वापस नहीं ले सकते.
Moral of The Story -इस कहानी से क्या सीख मिलती है:- कुछ कड़वा बोलने से पहले ये याद रखें कि भला-बुरा कहने के बाद कुछ भी कर के अपने शब्द वापस नहीं लिए जा सकते. हाँ, आप उस व्यक्ति से जाकर क्षमा ज़रूर मांग सकते हैं, और मांगनी भी चाहिए, पर human nature कुछ ऐसा होता है की कुछ भी कर लीजिये इंसान कहीं ना कहीं hurt हो ही जाता है.
Story No.2
Mother’s Love – मां का प्यार:-
एक परी थी । एक बार उसने घोषणा की – ” जिस प्राणी का बच्चा सबसे ज्यादा सुंदर होगा , उसे मैं कीमती पुरस्कार दूंगी । यह सुन कर सभी प्राणी अपने – अपने बच्चों के साथ एक स्थान पर जमा हो गए । परी ने एक – एक कर सभी बच्चों को ध्यान से देखा ।
जब उसने बंदरिया के चपटी नाकवाले बच्चे को देखा , तो वह बोल उठी ,
“ छिः ! कितना कुरूप है यह बच्चा ! इसके माता – पिता को तो कभी पुरस्कार नहीं मिल सकता ”
परी की यह बात सुन कर बच्चे की माँ के दिल को बहत ठेस लगी । उसने अपने बच्चे को हृदय से लगा लिया और उसके कान के समीप अपना मुँह ले जा कर कहा ,
” तू चिंता न कर मेरे लाल ! मैं तुझे बहुत प्यार करती हूँ । मेरे लिए तो तू ही सबसे बड़ा पुरस्कार है । मैं कोई दूसरा पुरस्कार प्राप्त करना नहीं चाहती । भगवान तुझे लंबी उम्र दे ।
Moral of The Story–इस कहानी से क्या सीख मिलती है दुनिया की कोई चीज मां के प्यार की बराबरी नहीं कर सकती
Short Story in Hindi with Moral
Story No.3
Justice of King – राजा का न्याय:-
एक बार दो स्त्रियाँ एक बच्चे के लिए झगड़ रही थीं । प्रत्येक स्त्री यह दावा कर रही थी कि वही उस बच्चे की असली माँ है । जब किसी तरह झगडा नहीं सुलझा , तो लोगों ने उन दोनों को राजा के सामने पेश किया । राजा ने ध्यानपूर्वक दोनों की दलीलें सुनी । राजा के लिए भी यह निर्णय करना मुश्किल हो गया कि बच्चे की असली माँ कौन थी ।
वह राजा ने बहुत सोच – विचार किया । आखिरकार उसे एक उपाय सूझा । उसने अपने सैनिक को आदेश दिया , ” बच्चे के दो टुकड़े कर दो और एक – एक टुकड़ा दोनों स्त्रियों को दे दो । ”फिर उसके बाद राजा का आदेश सुन कर उनमें से एक स्त्री ने धाड़ मार कर रोते हुए कहा , ” नहीं , नहीं ! ऐसा जुल्म मत करो । दया करो सरकार ।
भले ही यह बच्चा इसी स्त्री को दे दो , लेकिन मेरे लाल को जिंदा रहने दो । मैं बच्चे पर अपना दावा छोड़ देती हूँ । पर दुसरी स्त्री कुछ नहीं बोली । वह चुपचाप यह सब देखती रही अब चतुर राजा को मालूम हो गया था कि बच्चे की असली माँ कौन है ।
उसने बच्चा उस स्त्री को सौंप दिया , जो उस पर अपना दावा छोड़ने के लिए तैयार थी । उसने दूसरी स्त्री को जेल भेज दिया ।
Moral of The Story-इस कहानी से यह सीख मिलती है कि सच्चाई की सदा विजय होती है ।
Story No.4
मुर्गा की अकल ठिकाने:-
एक समय की बात है , एक गांव में ढेर सारे मुर्गे रहते थे। गांव के बच्चे ने किसी एक मुर्गे को तंग कर दिया था। मुर्गा परेशान हो गया , उसने सोचा अगले दिन सुबह मैं आवाज नहीं करूंगा। सब सोते रहेंगे तब मेरी अहमियत सबको समझ में आएगी , और मुझे तंग नहीं करेंगे।
मुर्गा अगली सुबह कुछ नहीं बोला। सभी लोग समय पर उठ कर अपने-अपने काम में लग गए इस पर मुर्गे को समझ में आ गया कि किसी के बिना कोई काम नहीं रुकता। सबका काम चलता रहता है।
Moral of The Story-इस कहानी से यह सीख मिलती है कि घमंड नहीं करना चाहिए। आपकी अहमियत लोगो को बिना बताये पता चलता है।
Story No.5
Naughty Mouse – शरारती चूहा:-
रामू के घर में एक शरारती चूहा आ गया। वह बहुत छोटा सा था मगर पुरे घर में भागा फिरता था। उसने रामू की किताब भी कुतर डाली थी। कुछ कपड़े भी कुतर दिए थे। रामू की मम्मी जो खाना बनाती और बिना ढके रख देती , वह चूहा उसे भी चट कर जाता था। चूहा खा – पीकर बड़ा हो गया था। एक दिन रामू की मम्मी ने एक बोतल में शरबत बनाकर रखा। शरारती चूहे की नज़र बोतल पर पड़ गयी। चूहा कई तरकीब लगाकर थक गया था , उसने शरबत पीना था।
चूहा बोतल पर चढ़ा किसी तरह से ढक्कन को खोलने में सफल हो जाता है। अब उसमें चूहा मुंह घुसाने की कोशिश करता है। बोतल का मुंह छोटा था मुंह नहीं घुसता। फिर चूहे को आइडिया आया उसने अपनी पूंछ बोतल में डाली। पूंछ शरबत से गीली हो जाती है उसे चाट – चाट कर चूहे का पेट भर गया। अब वह रामू के तकिए के नीचे बने अपने बिस्तर पर जा कर आराम से करने लगा।
Moral of The Story-इस कहानी से यह सीख मिलती है कि मेहनत करने से कोई कार्य असम्भव नहीं होता।
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